पगड़ी उछालना मुहावरे का क्या अर्थ होता है? Pagadi Uchhalana Muhavare Meaning in Hindi.

Pagadi Uchhalaba Muhavara Meaning in Hindi / पगड़ी उछालना मुहावरे का अर्थ।

मुहावरा - "पगड़ी उछालना"।

“पगड़ी उछालना” मुहावरे का व्याख्या –

“पगड़ी उछालना” यह हिंदी भाषा मे बोले जाने वाला एक महत्वपूर्ण मुहावरा है। इसका अर्थ अपमानित करना, लज्जित करना अथवा बेइज्जत करना होता है।
व्याख्या – सादी मे गाड़ी न मिलने पर लड़के वालो ने लड़की के पिता की पगड़ी उछाल दी। जब सादी तय हुयी थी तब लड़की वालो ने लड़के को एक गाड़ी देने का वादा किया था। लेकिन जब सादी के दिन लड़की वाले लड़के को गाड़ी नही दे पाये तो लड़के के पिता ने लड़की के पिता जी को बहुत अपमानित किया और उनका तिरस्कार भी किया। लड़के के पिता के द्वारा लड़की के पिता जी को इस तरह सबके सामने अपमानित करने को ही “पगड़ी उछालना” कहते है।

Pagadi Uchhalana Muhavare ka Arth / “पगड़ी उछालना” मुहावारे का अर्थ।

  • मुहावरा – “पगड़ी उछालना”।
    – (Muhavara : Pagadi Uchhalana).
  • हिंदी मे अर्थ – अपमानित करना / अनादर करना / तिरस्कार करना / लज्जित करना / बेइज्जत करना ।
    – (Meaning in Hindi : Apmanit Karna / Anadar Karna / Tiraskaar Karna / Lajjit Karna / Beijjat Karna).

पगड़ी उछालना मुहावारे का वाक्य प्रयोग / Pagadi Uchhalana Muhavare ka Vaky Prayog.

“पगड़ी उछालना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग नीचे दिये गये उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता है।

उदाहरण- 1.

कर्ज़ न चुका पाने के कारण बैंक वालो ने पटेल जी की पगड़ी उछाल दी। पटेल जी अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए बैंक से एजुकेशन लोन (कर्ज़) लिए थे। लोन अदा करने का समय बित जाने के बाद भी पटेल जी कर्ज़ नही चुका पाये। जिसकी वजह से बैंक वाले पटेल जी के घर आकर उनको खूब अपमानित किये। अगल बगल के लोगो के सामने ही बैंक वालो ने पटेल जी को खूब लज्जित किया। बेचारे पटेल जी चुपचाप सिर छुका कर अपना अपमान सहते रहे। बैंक के कर्मचारियों के द्वारा पटेल जी को सबके सामने लज्जित करना ही “पगड़ी उछालना” कहलाता है।

उदाहरण- 2.

भोला ने अपनी बुरी आदतों की वजह से अपने पिता (शंकरलाल) की पगड़ी उछाल दिया। शंकरलाल एक बहुत सज्जन व्यक्ति थे। उनकी समाज में काफी इज़्ज़त थी। सब लोग उनको बहुत मानते थे। लेकिन उनके लड़के भोला को गलत संगत की वजह से उसे कुछ बुरी आदतें लग चुकी थी। भोला नशीले पदार्थो का सेवन करने लगा। और ये बात धीरे धीरे सभी लोगो को पता चल गया। अब शंकरलाल जब भी घर से निकलते लोग उनका तिरस्कार करने लगे। जो लोग इनकी इज्जत करते थे अब वो लोग भी इनको अपमानित करने लगे। लोग कहने लगे की ये टू बड़े सज्जन और सरीफ बनते फिरते है और इनका बेटा बड़े बड़े कारनामें कर रहा है। भोला की बुरी आदतों के वजह से ही समाज के लोग शंकरलाल की “पगड़ी उछालने” लगे।

उदाहरण- 3.

रामू एक दफ्तर में हर रोज चाय लेकर जाया करता था। इसी काम का तनख्वाह मिलता था। एक दिन जब रामू चाय लेकर सीढ़ियों से जा रहा था, तभी उसके घुटने में दर्द महसूस हुआ और वह गिर पड़ा। जिसकी वजह से सारा चाय भी गिर गया। जब ये बात उसके मालिक को पता चला तो मालिक ने रामू को बहुत अपमानित किया और उसको लज्जित भी किया। मालिक ने कहा की जब तुमसे काम नही हो पाता है तो क्यू करते हो। नुकसान तुम्हारी बजह से होगा और भरपाई मुझे करनी पड़ेगी। पूरे कर्मचारियों के सामने रामू के मालिक ने उसको बहुत अपमानित किया। मालिक द्वारा रामू को अपमानित करना ही “पगड़ी उछालना” कहते है।

हमे उम्मीद है की आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आगया होगा। अपने सुझाव देने के लिए हमे कमेंट करें।

… … धन्यवाद !

 

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