टस से मस न होना मुहावरे का क्या अर्थ है? Tas se Mas na Hona Muhavare ka Meaning in Hindi.

Tas se Mas na Hona Muhavara Meaning in Hindi / टस से मस न होना मुहावरे का अर्थ।

मुहावरा - "टस से मस न होना"।

“टस से मस न होना” मुहावरे का व्याख्या –

“टस से मस न होना” हिंदी भाषा का एक प्रचलित मुहावरा है। इसका अर्थ अपनी बात पर अड़े रहना अथवा कोई भी प्रभाव न पड़ना होता है।

व्याख्या – रामायण धारावाहिक हम सब ने देखा होगा। रावण के दरबार में अंगद का पैर कोई भी टस से मस नही कर पाया। भरी सभा में अंगद ने जब ये बोला कि अगर कोई भी मेरे बाए पैर को इस स्थान से एक क्षण के लिए भी हिला दिया तो मै ये वचन देता हु कि राम सीता माता को हार जाएंगे और मै राम जी को वापस अयोध्या ले जाऊंगा। पर किसी ने भी अंगद के पैर को उस स्थान से हिला नही पाया। यानी कि अंगद का पैर अपने स्थान से न हिलना ही “टस से मस न होना” कहलाता है।

Tas se Mas na Hona Muhavare ka Arth / “टस से मस न होना” मुहावरे का अर्थ।

  • मुहावरा – “टस से मस न होना”।
    –(Muhavara : Tas se Mas na Hona).
  • हिंदी में अर्थ – अपनी बात पर अड़े रहना / हठ ना छोड़ना / विचलित ना होना / कोई भी प्रभाव न पड़ना / किसी बस्तु का अपने स्थान से न हिलना।
    –(Meaning in Hindi : Apani Baat Par Ade Rahna / Hathh Na Chhodana / Vichalit Na Hona / Koi Bhi Prabhav Na Padna / Kisi Vastu Ka Apne Sthan Se Na Hilna).

“टस से मस न होना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Tas se Mas na Hona Muhavare ka Vakya Prayog.

“टस से मस न होना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग नीचे उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता है। जो इस प्रकार हैं –

उदाहरण-1.

रमेश को जब ये पता चला कि उसके भाई सम्राट का सड़क दुर्घटना हो गया है फिर भी वह टस से मस नही हुआ। सम्राट किसी कारणों से मुंबई जा रहा था। कुछ दूर जाते ही उसकी गाड़ी अनियंत्रित हो गयी। और डिवाइडर से जाकर टकरा गयी। इस दुर्घटना में सम्राट बहुत ज्यादा घायल हो गया। कुछ लोग सम्राट को अस्पताल पहुचाये। और सम्राट के पिता को ये जानकारी दी।
सम्राट के पिता अस्वस्थ थे। इसलिए उन्होंने अपने छोटे बेटे रमेश को अस्पताल जाने को कहा। पर रमेश ने बोला की मै नही जा पाऊंगा। पिता के बार बार कहने पर भी रमेश अपनी बातो पर अडा रहा। और हठ करने लगा की मै नही जाऊंगा। रमेश का इस तरह से अपनी बात पर अड़े रहना ही “टस से मस न होना” कहलाता है।

उदाहरण- 2.

रावण ने शिवलिंग को टस से मस नही कर पाया। रावण जब शिव जी के लिंग को लंका लेकर जा रहा था तो रास्ते में उसको लघुशंका लग गया। फिर उसने एक चरवाहे को शिवलिंग को थमाकर ये बोला इस कुछ भी हो जाए इस शिवलिंग को धरती पर मत रखना। रावण जब लघुशंका कर के वापस आया तो उसने देखा कि शिवलिंग घरती पर पड़ा है।
शिवलिंग को देते हुए भगवान शंकर ने ये कहा था अगर ये शिवलिंग धरती पर एक बार रख दिया जायेगा तो फिर ये वहा से हिलेगा नही। रावण ने बहोत कोशिश किया कि शिवलिंग को उस स्थान से उठा ले। पर वह शिवलिंग अपने स्थान से हिला तक नही। आखिरी में रावण उस शिवलिंग को उसी स्थान पर छोड़कर चला गया। उस शिवलिंग का अपने स्थान से न हिलना ही “टस से मस न होना” कहलाता है।

उदाहरण- 3.

बस में एक बुज़ुर्ग महिला के चढ़ने पर भी कोई भी अपनी सीट से टस से मस नही हुआ। जब बस में एक बुज़ुर्ग महिला चढ़ी तो उसको बैठने के लिए बस में एक भी सीट खाली नही था। जब बस कंडेक्टर ने कुछ लोगो से सीट खाली करने को बोला तो किसी को भी कोई प्रभाव नही पड़ा। कोई भी यात्री अपनी सीट से हिला तक नही। मतलब की उस बुज़ुर्ग महिला के बैठने के लिए किसी का अपनी जगह से न हिलना ही “टस से मस न होना” कहलाता है।

हमे उम्मीद है कि आपको इस मुहावरे का अर्थ अच्छे से समझ में आगया होगा। अपने सुझाव देने के लिए हमे कमेंट करें।

… … धन्यवाद !

 

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