नाको चने चबाना मुहावरे का क्या अर्थ होता है? Naako Chane Chabana Muhavare ka Meaning in Hindi.

Naako Chane Chabana Muhavara Meaning in Hindi / नाको चने चबाना मुहावरे का अर्थ।

मुहावरा - "नाको चने चबाना"।

“नाको चने चबाना” मुहावरे का व्याख्या –

“नाको चने चबाना” हिंदी भाषा मे बोले जाने वाला एक महत्वपूर्ण मुहावरा। इसका अर्थ किसी को बहुत परेशान करना अथवा किसी के सामने समस्या खड़ी करना होता है।
व्याख्या – कौरवो ने पाण्डवो के नाको चने चबवा दिये। महाभारत मे पाण्डव सत्य के मार्ग पर थे और वही कौरव छल, कपट और असत्य के मार्ग पर। फिर भी कौरवो ने पाण्डवो को बहुत परेशान किया। कौरवो ने पाण्डवो को इतना तंग किया कि उन्हे अज्ञात वास के लिए जाना पड़ा। पाण्डवो को कौरवो के द्वारा परेशान अथवा तंग किया जाना ही “नाको चने चबाने” जैसा है।

Naako Chane Chabana Muhavare ka Arth / “नाको चने चबाना” मुहावरे का अर्थ।

  • मुहावरा – “नाको चने चबाना”।
    – (Muhavara : Naako Chane Chabana).
  • हिंदी मे अर्थ – किसी को बहुत परेशान करना / किसी के सामने समस्या खड़ी करना / किसी को बहुत तंग करना / कोई काम करने मे बहुत दिक्कत उठाना।
    – (Meaning in Hindi : Kisi ko Bahut Pareshan Karna / Kisi ke Samne Samasya Khadi Krna / Kisi ko Bahut Tang Karna / Koi Kaam Karne me Bahut Dikkat Uthana).

नाको चने चबाना मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Naako Chane Chabana Muhavare ka Vaky Prayog.

“नाको चने चबाना” इस मुहावरे का वाक्य प्रयोग नीचे दिये गये उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता है।

उदाहरण- 1.

गौतम ने जब तक अपना पूरा तनख्वाह ले नही लिया तब तक अपने प्रधानाचार्य के नाको चने चबवा दिया। गौतम को विद्यालय से तनख्वाह नही मील रहा था। वह परेशान हो गया। और आखिरी मे विद्यालय छोड़ने का निर्णय लिया। तनख्वाह के लिए गौतम हर दिन विद्यालय के प्रधानाचार्य को फोन करके बहुत परेशान करता था। और दो तीन दिन पर विद्यालय जाकर भी प्रधानाचार्य को पैसो के लिए तंग करता था। आखिरकार प्रधानाचार्य को परेशान होकर गौतम के पैसे देने पड़े। पैसो के लिए गौतम का प्रधानाचार्य को परेशान करना ही “नाको चने चबाना” कहलाता है।

उदाहरण- 2.

ग्राम पंचायत का चुनाव जीतने के लिए शर्मा जी को नाको चने चबाना पड़ा। ग्राम पंचायत के चुनाव मे शर्मा जी के सामने जो प्रत्यासी खड़ा था उसे हराना आसान नही था। शर्मा जी को अपने प्रतिद्वंधी को हराने मे बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शर्मा जी के सामने बहोत परेशानिया आयीं। पर शर्मा जी अपने सूझ बुझ से सारी परेशानियों का सामना किया। अर्थात शर्मा जी को ग्राम पंचायत का चुनाव जीतने के लिए “नाको चने चबाना” पड़ा।

उदाहरण- 3.

रामू को नौकरी से निकालने के लिये उसके मालिक (जायसवाल) ने रामू को नाको चने चबवा दिये। जायसवाल रामू को नौकरी से निकलना चाहता था। लेकिन वो रामू से सीधे तौर से बोल नही पा रहा था। इसलिए वो रामू को काम करने के लिए बहोत परेशान करने लगा। जायसवाल हर दिन रामू के सामने कोई ना कोई समस्या खड़ी कर देता था। आखिरकार रामू ने परेशान होकर नौकरी छोड़ दिया। मतलब की जायसवाल का रामू को नौकरी से निकालने के लिए रामू के सामने समस्या खड़ा करने को ही “नाको चने चबाना” कहते है।

उदाहरण- 4.

मोहित को अपनी पत्नी (रेशमा) से तलाक लेने के लिए नाको चने चबाने पड़े। सादी के कुछ ही महीनों के बाद मोहित अपनी पत्नी से तंग हो गया। इसलिए वो तलाक लेना चाहता था। तलाक देने के लिये रेशमा ने मोहित के सामने कई शर्त रखे। उन शर्तो को मानने के लिये मोहित को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रेशमा ने मोहित को तलाक देने के लिये बहोत परेशान किया। यही कारण है कि मोहित को अपनी पत्नी रेशमा से तलाक लेने के लिये “नाको चने चबाने” पड़े तब जाकर मोहित को तलाक मिला।

हम आशा करते है कि इन उदाहरणों को पढ़कर आपको इस मुहावरे का अर्थ अच्छे से समझ मे आ गया होगा। अपने सुझाव देने के लिये हमें कमेंट करें।

… … धन्यवाद !

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