लकीर का फकीर होना मुहावरे का क्या अर्थ होता है? Lakeer Ka Fakeer Hona Muhavara Meaning in Hindi.

Lakeer Ka Fakeer Hona Muhavare Ka Meaning in Hindi / लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ।

मुहावरा - "लकीर का फकीर होना"।
“लकीर का फकीर होना” मुहावरे का व्याख्या –

“लकीर का फकीर होना” इस मुहावरे को हिंदी भाषा बोलने वाले अत्यधिक लोग उपयोग करते हैं। इसका अर्थ पुरानी बतों, प्रथावों, रीतियों अथवा पुराने विचारों पर चलना होता है।
व्याख्या – अशोक पढ़ लिख कर भी लकीर का फकीर बना रहता है। अशोक ने पढ़ लिख कर काफ़ी डिग्रियां हासिल कर लिया है लेकिन वह अभी भी पुरानी प्रथावों को ही मानता है। अशोक छुआछूत, जातपात में अभी भी भेद भाव करता है। जिसकी वजह से अशोक को काफ़ी लोग नापसंद करते हैं। अशोक का इन पुरानी प्रथावों पर चलने अथवा इनको मानने को ही “लकीर का फकीर होना” कहते हैं।

Lakeer Ka Fakeer Hona Muhavare Ka Arth / “लकीर का फकीर होना” मुहावरे का अर्थ।

  • मुहावरा – “लकीर का फकीर होना”।
    – (Muhavara : Lakeer Ka Fakeer Hona).
  • हिंदी में अर्थ – पुरानी बातों पर चलना / पुरानी रीति पर चलना / पुरानी प्रथा पर चलना / पुराने विचारों का होना।
    – (Meaning in Hindi : Purani Baton Par Chalna / Purani Reeti Par Chalna / Purani Pratha Par Chalna / Purane Vicharo Ka Hona).

“लकीर का फकीर होना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Lakeer Ka Fakeer Hona Muhavare Ka Vaky Prayog.

“लकीर का फकीर होना” इस मुहावरे का वाक्य प्रयोग नीचे दिये गये उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता है।

उदाहरण- 1.

रिवा की माँ हमेशा से ही लकीर का फकीर होने जैसी बाते किया करती हैं। रिवा आज के जमाने की पढ़ी लिखी लड़की है। लेकिन उसकी माँ पुराने विचारों वाली हैं। वह रिवा को लड़को से बात करने से मना करती रहती हैं। उनके साथ उठने बैठने के लिए भी डाटती हैं। वो रिवा को समझाती है कि तुम लड़की हो तुम्हारा इस तरह से पुरुषों के साथ उठना बैठना ठीक नही है। रिवा अपनी माँ को समझाती है कि माँ जमाना बदल चुका है अब आपको भी अपने पुराने विचारों को बदल लेना चाहिए।

अगर हम पुराने विचारों को नही बदलेंगे तो हम जीवन में कभी भी आगे नही बढ़ पाएंगे हम पीछे रह जाएंगे। रिवा के समझाने के बाद भी उसकी माँ पर कोई फर्क नही पड़ा क्युकी वो पुरानी रीतियों और विचारों को मानते हुए चली आ रही हैं। रिवा की माँ का पुरानी रीतियों और विचारों पर चलना ही “लकीर का फकीर होना” कहलाता है।

उदाहरण- 2.

शर्मा जी का लकीर का फकीर होना उनके बेटे रमेश के लिए निराशाजनक साबित हुआ। शर्मा जी का बेटा रमेश विलायत में रहता था। शर्मा जी ने रमेश से पूछे बिना उसकी सादी तय कर दी थी। जब रमेश घर आया तो उसे इस बात का पता चला तो वो अपने पिता से बात करने के लिए उनके पास गया। रमेश ने शर्मा जी से बोला की आपने बिना मेरी मर्ज़ी जाने अपने मेरी शादी कैसे तय कर दी। शर्मा जी ने बोला की मुझे तुम्हारी सलाह लेने की जरूरत नही है।

इस घर में आजतक ऐसा नही हुआ है और आगे भी नही होगा। रमेश ने बोला की पापा आपकी सोच अभी भी पुरानी जैसी है। आप पुराने विचारों वाले हैं पर मै नही। मै ये सादी नही करूंगा। मै आपके इस फैसले से बहुत निराश हू। अर्थात शर्मा जी का पुराने विचार अथवा पुरानी सोच ही “लकीर का फकीर होना” जैसा है।

उदाहरण- 3.

राघव के दादा जी आज भी लकीर के फकीर है। राघव के घर में जितने भी सदस्य है वो सब लोग आज के जमाने के हिसाब से रहते है। पर राघव के दादा जी आज भी पुरानी प्रथावों व रीतियों को ही मानते है। घर के सभी सदस्यों को राघव के दादा जी की बातें अच्छी नही लगती हैं पर राघव को उनकी पुरानी बाते सुनने में बहुत अच्छा लगता है। यहा पर राघव के दादा जी का पुरानी प्रथावों और रीतियों को मानना ही “लकीर का फकीर होना” कहलाता है।

उदाहरण- 4.

रामू की माँ पुराने विचारों वाली हैं इसलिए रामू की पत्नी उनके पास अधिक समय नही व्यतीत करती है। रामू की पत्नी जब अपनी सास के पास बैठती तो वो पुरानी रीतियों को समझाने लगती थीं। क्युकी वो पुराने विचारों वाली महिला हैं। अर्थात रामू की माँ का पुराने विचारों वाली होना ही “लकीर का फकीर होना” कहलाता है।

हमें उम्मीद है की आपको इस मुहावरे का अर्थ अच्छे से समझ में आ गया होगा। अपना सुझाव देने के लिए हमें कमेंट करें।

… …. धन्यबाद।

 

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