फूटी आँखों न देखना मुहावरे का क्या अर्थ होता है? Footi Ankhon Na Dekhna Muhavara Meaning in Hindi.

Footi Ankhon Na Dekhna Muhavare Ka Meaning in Hindi / फूटी आँखों न देखना मुहावरे का अर्थ।

मुहावरा - "फूटी आँखों न देखना"।
“फूटी आँखों न देखना” मुहावरे का व्याख्या –

“फूटी आँखों न देखना” यह हिंदी भाषा में बोले जाने वाला एक मुहावरा है। इसका अर्थ तनिक भी अच्छा न लगना अथवा ईर्ष्या रखना होता है।
व्याख्या – रमेश को सुधीर कभी भी फूटी आँखों नही देखता था। रमेश और सुधीर दोनो भाई थे। घर के सभी सदस्य रमेश को बहुत मानते थे क्युकी रमेश सबकी जरूरते पुरी करता था। और वही दूसरी तरफ सुधीर को कोई भी पसंद नही करता था क्युकी सुधीर बस इधर उधर घूमता रहता और घर की ज़िम्मेदारियों से उसे कोई भी मतलब नही था। घर से सभी लोग रमेश को मानते थे और सुधीर को नही इसलिए सुधीर रमेश से नफ़रत करता था या यूं कहे की रमेश सुधीर को तनिक भी अच्छा नही लगता था। मतलब की रमेश से सुधीर का नफ़रत करना ही “फूटी आँखों न देखना” कहलाता है।

Footi Ankhon Na Dekhna Muhavare ka Arth / “फूटी आँखों न देखना” मुहावरे का अर्थ।

  • मुहावरा – “फूटी आँखों न देखना”।
    – (Muhavara : Footi Ankhon Na Dekhna).
  • हिंदी में अर्थ – नफ़रत करना / ईर्ष्या रखना / अप्रिय लगना / तनिक भी अच्छा न लगना।
    – (Meaning in Hindi : Nafrat Karna / Irshya Karna / Apriy Lagna / Tanik Bhi Achha Na Lagna).

“फूटी आँखों न देखना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Footi Ankhon Na Dekhna Muhavare Ka Vaky Prayog.

“फूटी आँखों न देखना” इस मुहावरे का वाक्य प्रयोग नीचे दिये गये उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता है।

उदाहरण- 1.

गौरी के घर ससुराल वाले गौरी को फूटी आँखों नही देखना चाहते थे। गौरी एक गरीब परिवार की लड़की थी। और उसकी सादी एक अच्छे घराने में हो गयी थी। गौरी अपने घर से ज्यादा सामान नही ले गयी थी इसलिए उसके ससुराल वाले उससे नफ़रत करते थे। गौरी के ससुराल वालो का गौरी से नफ़रत करना ही “फूटी आँखों न देखना” के समान है।

उदाहरण- 2.

वर्मा जी के घर वाले रामू को फूटी आँखों नही देखना चाहते थे। रामू वर्मा जी के घर का नौकर था। वर्मा जी के तीन बेटे थे और सबकी शादिया हो चुकी थी। रामू अपने मालिक वर्मा जी का बहोत ख्याल रखता था। इसलिए वर्मा जी रामू को बहोत मानते थे। वर्मा जी के बेटों के पास इतना भी टाइम नही था कि वे अपने पिता का हाल जान सकते। और वही रामू एक नौकर होकर वर्मा जी का बहुत ख्याल रखता था। इसलिए वर्मा जी उसको बहुत मानते थे और यही बात उनके बेटों को चुभती थी जिसकी वजह से ये लोग रामू से ईर्ष्या और नफ़रत करते थे। रामू से ईर्ष्या और नफ़रत करने को ही “फूटी आँखों न देखना” कहते हैं।

उदाहरण- 3.

मोहन जब शहर से वापस गाँव आया तो कुछ लोग उसको फूटी आँखों नही देखना चाहते थे। मोहन के गाँव वाले पुरानी परम्पराओं को मानते थे। वो लोग गाँव की बहु बेटियों को बहार काम करने के लिए नही जाने देते थे। उनको बोलने तक नही दिया जाता था। गाँव में बस दो चार लोग ही पढ़े लिखे थे। मोहन जब शहर से पढ़ लिख कर गाँव आया तो वो अपने गाँव की परम्पराओ को बदलना चाहता था। मोहन जब गाँव की कुछ बहु बेटियों से बात करके उनके परेशानियों को जानकर उन्हे जागरूक करने लगा तो वो गाँव वालो की नज़रो में बुरा बन गया। गाँव वाले मोहन से नफ़रत करने लगे। मोहन गाँव वालो को तनिक भी अच्छा नही लग रहा था क्युकी वो परम्पराओ को बदलना चाहता था। इसी कारण मोहन को गाँव वाले “फूटी आँखों नही देखना” चाहते थे।

 

हमे उम्मीद है की आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आगया होगा। अपना सुझाव देने के लिए हमें कमेंट करें।

… … धन्यवाद !

 

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