बाल-बांका न होना मुहावरे का क्या अर्थ होता है? Baal Baanka Na Hona Muhavara Meaning in Hindi.

Baal Baanka Na Hona Muhavare ka Meaning in Hindi / बाल-बांका न होना मुहावरे का अर्थ।

मुहावरा - "बाल-बांका न होना"।
“बाल-बांका न होना” मुहावरे का व्याख्या –

“बाल-बांका न होना” यह हिंदी भाषा में बोले जाने वाला एक मुहावरा है। इसका अर्थ थोड़ी सी भी हानि न होना अथवा कुछ भी बिगाड़ न पाना होता है।
व्याख्या – माता वैष्णों देवी के दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओ की बस खाई में गीर गयी, लेकिन बस में बैठे श्रद्धालुओं पर तनिक भी आंच न आयी। ये माता रानी का चमत्कार ही था की एक भी श्रद्धालु को किसी भी प्रकार का हानि नही हुआ। अर्थात श्रद्धालुओं पर तनिक भी आंच न आना अथवा कोई भी हानि न पहुंचना ही “बाल-बांका न होना” कहलाता है।

Baal Baanka Na Hona Muhavare Ka Arth / “बाल-बांका न होना” मुहावरे का अर्थ।

  • मुहावरा – “बाल-बांका न होना”।
    – (Muhavara : Baal Banka Na Hona).
  • हिंदी में अर्थ – थोड़ी सी भी हानि न होना / तनिक भी आंच न आना / कुछ भी बिगाड़ न पाना।
    – (Meaning in Hindi : Thodi si Bhi Haani Na Hona / Tanik Bhi Anchal Na Ana / Kuchh Bhi Bigad Na Pana).

“बाल-बांका न होना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Baal Baanka Na Hona Muhavare Ka Vaky Prayog.

“बाल-बांका न होना” इस मुहावरे का वाक्य प्रयोग नीचे दिये गये उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता है।

उदाहरण- 1.

कुछ लोगो ने नेता जी को जान से मारने की कोशिश किया लेकिन नेता जी का एक बाल बांका नही हुआ। अपने चुनावी रैली में नेता जी भाषण दे रहे थे। तभी किसी ने उनपर गोली चला दिया। लेकिन नेता जी पर तनिक भी आंच नही आयी क्युकी गोली उनके कान के बगल से निकल गयी। मतलब की गोली चलने के बाद भी नेता जी को थोड़ा सा भी हानि नही हुआ। अर्थात नेता जी पर तनिक भी आंच न आना ही “बाल-बांका न होना” कहलाता है।

उदाहरण- 2.

रामू विद्यालय जा रहा था तभी रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो गया पर उसका बाल भी बांका नही हुआ। रामू हर रोज अपनी सायकिल से विद्यालय जाता है। पर आज वह बस से विद्यालय जाने का निर्णय किया क्युकी आज उसकी सायकिल पंचर थी। रामू जब बस में चढ़ने जा रहा था तभी उसका पैर फिसल गया और वह रोड पर ही गिर गया। पीछे से तेज़ रफ्तार में गाड़िया आरही थी तभी एक गाड़ी उसके पास से गुज़री पर रामू बाल बाल बच गया। इस दुर्घटना से रामू को थोड़ा सा भी हानि नही हुआ अर्थात रामू का एक भी “बाल-बांका नही हुआ”

उदाहरण- 3.

राकेश घर में अकेला सोया था। किसी ने उसके घर में आग लगा दिया। पर राकेश का एक बाल बांका नही हुआ। राकेश पेशे से वकील था। राकेश के सभी घर वाले किसी शादी में गये हुये थे। इसलिए राकेश घर पर अकेला था। अगले दिन रामू कोर्ट में एक केश में बहस करने वाला था। कोर्ट में रामू बहस ना कर पाये इसलिए कुछ लोगो ने रात को जब रामू अकेला था तभी उसके घर में आग लगा दिया। आग लगते ही आस पास के लोगो को पता चल गया।

इसलिए जल्द ही सभी लोगो ने मिलकर आग को बुझा दिया। और रामू को सही सलामत घर से बाहर निकाला। इस घटना में रामू का थोड़ा घर तो जला लेकिन रामू पर तनिक भी आंच नही आयी। आग लगाकर भी रामू का कोई कुछ नही बिगाड़ पाया। अर्थात रामू पर तनिक भी आंच न आना ही “बाल-बांका न होना” कहलाता है।

उदाहरण- 4.

जिसकी रक्षा भगवान करते हैं उसका कोई बाल भी बांका नही कर सकता है। प्रहलाद का नाम आप सब ने सुना होगा। हृण्यकश्यप के बेटे थे प्रहलाद जी। हृण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानता था और जो भी उसको भगवान नही मानता उन लोगो की हत्या कर देता था। प्रहलाद उसी घर में रहकर भी अपने पिता हृण्यकश्यप को भगवान नही मानते थे। प्रहलाद भगवान विष्णु को ही अपना भगवान व इस सम्पूर्ण जगत के भगवान के रूप में मानते थे।

हृण्यकश्यप अपने खुद के बेटे को भी कई बार मारना चाहा पर प्रहलाद जी का कुछ भी नही बिगाड़ पाया। राक्षसों ने प्रहलाद जी को पर्वत से नीचे फेक दिया, आग में जलना चाहा, अस्त्र व सस्त्र से मारना चाहा पर प्रहलाद पर तनिक भी आंच नही आयी क्युकी उनकी रक्षा स्वयं भगवान विष्णु कर रहे थे। अर्थात प्रहलाद जी पर तनिक भी आंच न आना ही “बाल-बांका न होना” कहलाता है।

हम आशा करते है की आपको इस उदाहरण का अर्थ समझ में आ गया होगा। अपने सुझाव देने के लिए हमे कमेंट करें।

… … धन्यवाद !

 

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