डूबते को तिनके का सहारा मुहावरे का अर्थ क्या है. – Doobte Ko Tinke Ka Sahara Muhawara Meaning in Hindi.

Doobte Ko Tinke Ka Sahara Meaning in Hindi / डूबते को तिनके का सहारा मुहावरे का अर्थ.

मुहावरा - "डूबते को तिनके का सहारा"।

“डूबते को तिनके का सहारा” हिंदी भाषा में प्रयोग किया जाने वाला एक मुहावरा है। जिसका मतलब होता है कि कोई ऐसी जो किसी व्यक्ति के लिए बहुत ही जरुरी है। लेकिन जो मदद करता है उसके लिए इस प्रकार की मदद करना बहुत आसान है। आपके छोटी सी मदद के वजह से किसी व्यक्ति की जान बच सकती है। या कोई बहुत बही समस्या से बाहर आ सकता है। तो आपको ऐसी मदद करनी चाहिए।

इससे पहले भी आपने इस सन्दर्भ में कहावत सुना भी होगा कि डूबते को तिनके का सहारा। मतलब की अगर कोई व्यक्ति पानी में डूब हो और उसको एक पतवार का भी सहारा मिल जाये तो वह व्यक्ति खुद अपनी जान बचा सकता है। लेकिन उसे एक पतवार के सहारे की जरूरत है। जिसे हम कहते है कि डूबते को तिनके का सहारा मिल जाना।

Doobte Ko Tinke Ka Sahara Meaning in Hindi / डूबते को तिनके का सहारा मुहावरे का अर्थ.

  • मुहावरा – “डूबते को तिनके का सहारा”।
  • हिंदी में अर्थ – नाममात्र का सहारा / थोड़ी सी मदद की जरूरत / छोटी सहायता।

“डूबते को तिनके का सहारा” मुहावरें का वाक्य प्रयोग / Doobte Ko Tinke Ka Sahara ka Vaky Prayog.

उदाहरण 1.

राजू वैसे तो बहुत मेहनती और ईमानदार लड़का है। लेकिन इन दिनों उसे पैसो की वजह से थोड़ी परेशनी हो रही थी। राजू ने मुझसे कुछ पैसे मांगे और मैंने दे दिए। काम हो जाने के अगले ही दिन राजू ने मेरे दिए हुए पैसे लौटा दिए। राजू को कभी पैसे की वजह से कोई समस्या नहीं होती थी। लेकिन अचानक उस दिन उसे पैसे की जरूरत आ पड़ी। और मैंने उसकी थोड़ी मदद कर दी। मेरी ये मदद राजू के लिए “डूबते को तिनके के सहारे” जैसा ही था। चूँकि मदद बहुत छोटी थी इसलिए राजू की मदद करने से मुझे कोई परेशनी नहीं हुई।

उदाहरण 2.

राहुल परीक्षा हॉल में पेपर लिख रहा था। उसने कुछ प्रश्न हल कर लिए थे। राहुल यदि एक प्रश्न और हल कर देता है तो वह परीक्षा में पास हो जायेगा अन्यथा उसका फेल होना निश्चित था। राहुल के पीछे वाली सीट पर उसका एक दोस्त भी परीक्षा लिख रहा था। उसी ने राहुल को एक प्रश्न के उत्तर बताये। जिससे राहुल परीक्षा में पास हो गया। राहुल के दोस्त का इसमें कोई नुकसान भी नहीं हुआ। और दोनों लोग पास हो गए। यह मदद राहुल के लिए “डूबते को तिनके के सहारे” जैसा ही था। यदि उसका दोस्त मदद नहीं करता तो राहुल फेल जाता।

 

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